Balance Sheet क्या है,Balance Sheet को कैसे पढ़े – Balance sheet meaning in Hindi , बैलेंस शीट को कैसे पढ़े? How To Read Balance Sheet In Hindi ,बैलेंस शीट क्या है ? What Is Balance Sheet In Hindi
चलिए शुरू करते हैं इस आर्टिकल को आपका स्वागत है sharemarketlive.co वेबसाइट पर

बैलेंस शीट क्या है ? – What Is Balance Sheet In Hindi
बैलेंस शीट क्या होती है: Balance Sheet को हिंदी में चिट्ठा कहते है इसमें किसी कंपनी के सभी संपत्ति और दाईत्व का ब्यौरा होता है। बैलेंस शीट में 2 साइड होती है Liabilities और Asset वह वस्तुएं जो कंपनी की खुद की है वह कंपनी की सम्पति है और उसे एसेट साइड में दिखाया जाता है
जैसे: Building, Office, Plant And Machinery, Money In Bank Account, Investments etc.
कंपनी के ऊपर जो भी देनदारी है जो कंपनी को चुकाना है वह लायबिलिटी साइड में दिखाया जाता है
जैसे: Loan, Short Term Borrowings, Long Term Borrowings etc.
बैलेंस शीट कुछ इस प्रकार से दिखता है इसे screener.in वेबसाइट से डाउनलोड किया गया है।
Balance sheet kya hai – Balance sheet meaning in Hindi
Balance Sheet को हिंदी में चिट्ठा कहते है इसमें किसी कंपनी के सभी संपत्ति और दाईत्व का ब्यौरा होता है। बैलेंस शीट में 2 साइड होती है Liabilities और Asset वह वस्तुएं जो कंपनी की खुद की है वह कंपनी की सम्पति है और उसे एसेट साइड में दिखाया जाता है
जैसे: Building, Office, Plant And Machinery, Money In Bank Account, Investments etc.
बैलेंस शीट को कैसे पढ़े? – How To Read Balance Sheet In Hindi
बैलेंस शीट क्या होती है यह तो समझ लिया अब यह जान लेते है की बैलेंस शीट स्टेटमेंट को कैसे पढ़े (How To Read Balance Sheet In Hindi)
Balance Sheet Format को 4 भागों में बांटा जाता है –
- Share Capital
- Other Liabilities
- Fixed Asset
- Other Asset
Equity Capital: कंपनी ने अपने कुल कितने शेयर मार्किट में जारी किये है उसे Equity Capital कहते है
जैसे: अगर किसी कंपनी ने 1 करोड़ शेयर 10 रुपये की Face Value पर जारी किये है तो 10 करोड़ रुपये उस कंपनी की इक्विटी कैपिटल होगी।
Equity Share Capital Formula = Face Value x Number of Share Issued
Reserves: कंपनी हर वर्ष अपने प्रॉफिट के एक हिस्से को बचाकर एक अलग फण्ड में रखती है ताकि भविष्य में अचानक कंपनी को पैसे की जरुरत हो तो उस फण्ड से पैसे निकाल कर उपयोग में लिया जा सके। इस पैसे को Reserve And Surplus की केटेगरी में रखा जाता है।
Borrowings: जब कंपनी ऐसा उधार लेती है जिसे कुछ सालों बाद चुकाना होता है तो उसे Long Term Borrowings कहते है ऐसे सभी उधार को इस कॉलम में लिखा जाता है।
इसे भी पढ़े: Cash Flow Statement क्या होता है कैसे पढ़े?
2.Other Liabilities
Trade Payable: कंपनी के द्वारा लिया गया ऐसा उधार जिसे कुछ महीनो में चुकाना होता है उसे Trade Payable कहते है जैसे: आम तौर पर Raw Material Purchase करने के बाद कंपनी के पास 40 – 50 दिनों का समय होता है पेमेंट करने के लिए और जब तक कंपनी पेमेंट नहीं करती है उसे Trade Payable में दिखाया जाता है।
** कंपनी की सभी तरह की लायबिलिटी को जोड़ देने पर Total Liability निकल कर आती है और कंपनी के कुल लायबिलिटी और कुल एसेट बराबर होती है।
इसे भी पढ़े: Profit And Loss Statement क्या है कैसे पढ़े?
3.Fixed Asset
Gross Block: कंपनी की कुल सम्पतियों की Actual Cost को Gross Block कहते है इन सम्पतियो से अभी Depreciation घटाया नहीं गया होता है।
Accumulated Depreciation: कंपनी के पास जो भी प्लांट और मशीनरी होती है एक निश्चित समय के बाद उनकी कीमत में कमी होती जाती है जिसे Depreciation कहते है Depreciation को हर वर्ष सम्पति की Actual Value में से कम किया जाता है।
CWIP (Capital Work In Progress): Company की वे सभी सम्पतिया जो Balance Sheet की एक निश्चित तारीख तक बन कर तैयार नहीं हुई है उन सभी Assets को CWIP में लिखा जाता है जैसे: कंपनी कोई Building का निर्माण करवा रही हो और वो अभी तक बन कर तैयार नहीं हुआ है उसे CWIP में लिखेंगे।
Investments: कंपनी अपने प्रॉफिट के पैसे को जहां भी निवेश करती है उसे Investments कॉलम में दिखाया जाता है यह निवेश Short Term और Long Term दोनों तरह का हो सकता है।
इसे भी पढ़े: फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है (Full Information)
4.Other Asset
Inventories: Raw Material और Finished Goods जो अभी तक गोदाम में रखे है जिन्हें अभी तक बेचा नहीं गया है उसे Inventories कहते है।
Trade Receivables: कंपनी जब उधार पर माल बेचती है तो देनदारों को कुछ समय दिया जाता है पैसा चुकाने के लिए और जो पैसा कंपनी को मिलने वाला होता है उसे Trade Receivables में दिखाया जाता है।
Cash Equivalents: कंपनी के पास कितना Cash In Hand है और कंपनी अपनी सम्पतियों को जल्दी से जल्दी बेचकर कितना पैसा जुटा सकती है उसे Cash Equivalents में गिना जाता है।
Loans In Advances: जब कंपनी अपने Employee या Supplier को Advance में Payment करती है तो उसे Loans In Advances में लिखा जाता है।
Other Asset etc: वे सभी एसेट जो और किसी केटेगरी में कवर नहीं होती है उसे Other Asset में लिखा जाता है।
कंपनी की सभी तरह की सम्पतियो को जोड़ देने पर Total Asset निकल कर आती है और कंपनी के कुल लायबिलिटी और कुल Asset बराबर होती है।
इसे भी पढ़े: How To Do Fundamental Analysis Of Stock
बैलेंस शीट के सम्बन्ध में ध्यान रखने वाली बाते –
एक अच्छी कंपनी की Balance Sheet में Share Capital हमेशा बराबर रहता है समय के साथ कम या ज्यादा नहीं होता है और कंपनी के Reserve And Surplus बढ़ते रहना चाहिए और कर्ज लगातार कम होते रहना चाहिये।
Balance Sheet को पढ़ने से Company के Share Holders Equity, Assets और Liabilities के बारे में पता चलता है बैलेंस शीट को बनाने का उद्देश्य कंपनी के निवेशकों को यह बताना होता है की कंपनी के पास क्या – क्या सम्पतिया है और कंपनी के क्या – क्या दाईत्व है।
इन्हें भी पढ़ें –
- Demat account open कैसे करें – Demat account ओपन करने की पूरी प्रक्रिया जाने
- Long Term Investment क्या है – Best Long Term Investment Plan In India
- Quarterly Result क्या है – What Is Quarterly Result In Hindi
- टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ? What Is Technical Analysis In Hindi
- Face Value क्या होता है – Face Value Meaning In Hindi
निष्कर्ष :- बैलेंस शीट क्या है – What Is Balance Sheet In Hindi
Balance Sheet को और deeply समझने के लिए Balance sheet in Hindi इस आर्टिकल को जरूर पड़े
आशा करता हु आपको मेरा यह आर्टिकल Balance Sheet क्या है? (What Is Balance Sheet In Hindi) Balance Sheet को कैसे पढ़े? समझ आया होगा बैलेंस शीट से जुड़ा हुआ और कोई भी सवाल हो तो उसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs )
Q.1 Balance Sheet क्या होती है?
बैलेंस शीट में 2 साइड होती है Liabilities और Asset
Q.2 Balance Sheet का महत्व क्या है?
Q.3 Balance Sheet में क्या क्या आता है?
Q.4 बैलेंस शीट के 3 मुख्य घटक क्या हैं?
Liabilities, – देनदारियां
Asset – संपत्ति,
shareholders Equity – शेयरधारकों की इक्विटी