शेयर बायबैक क्या होता है – Buyback Meaning In Hindi

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Buyback Meaning In Hindi , शेयर बायबैक क्या होता है ? Buyback In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज में आपको बताऊंगा की शेयर बायबैक क्या है और कंपनिया शेयर बायबैक क्यों करती है और बायबैक से निवेशकों पर क्या असर पड़ता है।
 
जब एक कंपनी अपने ही शेयर अपने निवेशकों से वापिस खरीद लेती है तो इसे शेयर बायबैक करना कहते है। बायबैक में कंपनी अपने वर्तमान निवेशकों को Share के Market Price से ज्यादा कीमत देकर उनसे शेयर खरीद लेती है। 
 
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शेयर बायबैक क्या होता है ? Buyback Meaning In Hindi
 
 

शेयर बायबैक क्या होता है ? Buyback Meaning In Hindi

जब एक कंपनी अपने ही शेयर अपने निवेशकों से वापिस खरीद लेती है तो इसे शेयर बायबैक करना कहते है। बायबैक में कंपनी अपने वर्तमान निवेशकों को Share के Market Price से ज्यादा कीमत देकर उनसे शेयर खरीद लेती है। 
 

Share Buyback का कंपनी पर क्या असर पड़ता है 

 
जब कंपनी अपने निवेशकों से शेयर बायबैक करती है तो उससे कंपनी के प्रमोटर की Share Holding बढ़ जाती है। और यह कंपनी के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे यह पता लगता है की कंपनी के प्रमोटर अपनी कंपनी के व्यापार और ग्रोथ को लेकर पूरी तरह से आस्वस्त है। 
 
कंपनी के प्रमोटर यह मान चुके है की कंपनी भविष्य में और ग्रोथ करेगी और इस वजह से प्रमोटर अपनी ही कंपनी के शेयर में निवेश करते है जो की Share Buyback के जरिये किया जाता है।

बायबैक से मार्किट में कंपनी के शेयर की संख्या में कमी हो जाती है जिससे शेयर की EPS (Earning Per Share) और RE Ratio बढ़ जाता है जिससे कंपनी आर्थिक रूप से मजबूत दिखायी देती है।
 

शेयर बायबैक से निवेशकों को क्या फायदा है – How do investors benefit from share buyback in hindi 

 
Buyback निवेशकों के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि कंपनी अपने निवेशकों से शेयर ज्यादा दाम पर खरीदती है। कई बार कंपनी 20 % से 30 % ज्यादा दाम पर भी बायबैक लाती है इससे निवेशकों को कुछ हफ्तों में भारी मुनाफा हो जाता है। बायबैक का फायदा केवल उन्हीं निवेशकों को मिलता है जो कंपनी के Existing Shareholder है। 

इसके अलावा वह निवेशक जिन्होंने लम्बे समय के लिए कंपनी मैं निवेश किया है जो बायबैक में हिस्सा नहीं लेते है उन्हें भी इसका फायदा मिलता है। 
 
क्योंकि बायबैक के बाद में किसी भी कंपनी के शेयर के दाम में बढ़ोतरी होती है। जिससे शेयर के भाव में तेज़ी रहती है और निवेशक को अपने द्वारा किये गए निवेश पर अच्छा रिटर्न भी मिलता है।

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Buyback की प्रक्रिया – Buyback process in hindi 

 
कंपनी का मैनेजमेंट बोर्ड के सामने बायबैक का प्रस्ताव रखते है और कंपनी का बॉर्ड बायबैक के प्रस्ताव को पारित करती है। साथ ही रिकॉर्ड डेट की भी घोषणा करती है। 
 
रिकॉर्ड डेट वह तारीख होती है जिस दिन सभी निवेशक जिन्होंने बायबैक में भाग लिया है उनके डीमैट अकाउंट में शेयर होना अनिवार्य है। अगर रिकॉर्ड डेट वाले दिन किसी निवेशक के डीमैट अकाउंट में शेयर नहीं होते है तो उसे बायबैक का फायदा नहीं मिलता है। 
 
रिकॉर्ड डेट के बाद में वह शेयर अपने आप आपके डीमैट अकाउंट से कट जाते है और पैसे आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाते है।  

Buyback तभी लाया जाता है जब कंपनी का शेयर Undervalued हो या पिछले कुछ सालों में शेयर ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया हो। 
 
कभी भी महंगे शेयर का बायबैक नहीं किया जाता है क्योंकि इससे कंपनी के प्रमोटर को नुकसान होता है।
(शेयर बायबैक क्या होता है ? Buyback Meaning In Hindi)

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बायबैक के कारण – due to buyback in hindi 


कंपनी बाजार में उपलब्ध अपने शेयर्स की संख्या कम करना चाहती है। शेयर की संख्या कम होने से उनकी प्राइस बढ़ने की सम्भावना होती है।

कंपनी का मालिक वह होता है जिसके पास कम से कम कंपनी का 51 % हिस्सा होता है। कंपनी के प्रमोटर कंपनी पर अपना नियंत्रण बनाये रखने के लिये Share Repurchase और Buyback करती है।

जब कंपनी के रिज़र्व और सरप्लस बढ़ जाते है और कंपनी के पास अतिरिक्त नकदी होती है तब बायबैक किया जाता है। Buyback करने से कंपनी को अपने शेयर मिल जाते है और जिसके बदले में निवेशकों को अतरिक्त नकदी वितरित कर दी जाती है।

कई बार कंपनी के अच्छे प्रदर्शन के बाद भी कंपनी का शेयर नहीं बढ़ता है ऐसे में बायबैक करके शेयर की कीमत बढ़ाई जाती है। 
 

क्या बायबैक में हिस्सा लेना चाहिए – Should participate in buyback in hindi 

 
अगर आपने Short Term के लिए कंपनी में निवेश किया है तो आपको बायबैक में हिस्सा लेना चाहिए और एक अच्छा मुनाफा लेकर शेयर को बेच देना चाहिए। 
 
लेकिन बायबैक कंपनी की फंडामेंटल मजबूती को दिखाता है और अगर आपने Long Term के लिए निवेश किया तो शेयर होल्डर को अपने शेयर बेचने नहीं चाहिए बल्कि लम्बे समय के लिए कंपनी में निवेशित रहना चाहिए।
 

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        निष्कर्ष – शेयर बायबैक क्या होता है ? Buyback Meaning In Hindi

हेलो दोस्तों अगर आपने यह पूरा आर्टिकल पढ़ लिया है तो  आशा करता हूं कि आपके समझ में आ गया हुआ प्लीज शेयर  बायबैक क्या है शेयर  बायबैक के कारण इसका कंपनी पर क्या असर पड़ता है 

 है आर्टिकल अच्छा लगा इस वेबसाइट से पढ़ सकते  तथा आपको कोई भी पसंद हो तो आप कमेंट में जाकर प्रश्न कर सकते हैं यह आर्टिकल आपको कैसा लगा प्लीज कमेंट में बताएं

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 आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs ) – 

Q.1 शेयर मार्केट में बायबैक क्या होता है?

Ans. जब एक कंपनी अपने ही शेयर अपने निवेशकों से वापिस खरीद लेती है तो इसे शेयर बायबैक करना कहते है। बायबैक में कंपनी अपने वर्तमान निवेशकों को Share के Market Price से ज्यादा कीमत देकर उनसे शेयर खरीद लेती है। 

Q.2 क्या शेयर बायबैक से वैल्यू बनती है?

Ans. हां , शेयर बायबैक से शेयर की वैल्यू बनती है क्योंकि जब कंपनी अपने  शेयर को वापस खरीदना स्टार्ट करती है तो कंपनी शेयर धारक को उसके  शेयर की कीमत से अधिक रुपए उन्हें प्रदान रहती है जिससे शेयर धारक को अच्छा खासा मुनाफा होता है और शेयर की कीमत बढ़ जाते हैं

Q.3 शेयरों के बायबैक के बाद क्या होता है? 

Ans. शेयरों के बायबैक के बाद शेयर की कीमत बढ़ जाती है क्योंकि कंपनी अपने शेयर को वापस खरीद लेती है जिससे मार्केट में शेयर कम हो जाते हैं और शेयर की डिमांड बढ़ने पर शेयर की प्राइस बढ़ जाते हैं

Q.4 शेयरों के बायबैक के लिए कौन पात्र है?

Ans. जब कंपनी  शेयर को वापस खरीदना स्टार्ट करती है तो इसमें कंपनी के शेयर धारक ही इस में भाग ले सकते हैं अर्थात जिसके पास भी कंपनी के शेयर होंगे वह इस टेंडर में भाग ले सकते हैं

Q.5 क्या शेयर बायबैक निवेशकों के लिए अच्छा है?

Ans. हां ,शेयर  बायबैक निवेशकों के लिए अच्छा है क्योंकि कंपनी जब भी  शेयर को वापस  खरीदती है तो इससे शेयर पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा शेयर की प्राइस बढ़ जाते हैं


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