ट्रेडिंग में सर्किट ब्रेकर क्या है – Circuit Breaker In hindi

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ट्रेडिंग में सर्किट ब्रेकर क्या है (Circuit Breaker In Hindi)- शेयर बाजार में न्यूज़ का बहुत ज्यादा असर होता है कई बार कोई अच्छी या बुरी न्यूज़ आने पर कोई शेयर अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ जाता है या गिर जाता है।

सर्किट ब्रेकर क्या है - Circuit Breaker In hindi
सर्किट ब्रेकर क्या है – Circuit Breaker In hindi
 सर्किट ब्रेकर क्या है (Circuit Breaker In Hindi)
शेयर बाजार में न्यूज़ का बहुत ज्यादा असर होता है कई बार कोई अच्छी या बुरी न्यूज़ आने पर कोई शेयर अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ जाता है या गिर जाता है। 
 
जिससे निवेशकों को अचानक बहुत ज्यादा लाभ या नुकसान हो जाता है और इसी उतार – चढ़ाव से निवेशकों की पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सर्किट ब्रेकर लगाये जाते है।
 
सर्किट ब्रेकर किसी एक स्टॉक या पुरे शेयर मार्किट को एक रेंज देता है और पुरे दिन उसी रेंज में शेयर्स की खरीदी – बिक्री करनी होती है। यदि कोई शेयर उस रेंज को तोडना चाहे तो उस शेयर में ट्रेडिंग रोक दी जाती है ताकि छोटे निवेशकों को उतार – चढ़ाव से बचाया जा सके।
 
 

Circuit Breaker की रेंज क्या है  – What is the range of Circuit Breaker in hindi 

 
किसी स्टॉक का सर्किट फ़िल्टर 2 % से 20 % की रेंज में हो सकता है। यह 20%, 15%, 10%, 5%, 2%, तक होता है। इसका अर्थ यह हुआ की इनमें से जब भी किसी एक रेंज पर कोई स्टॉक पहुंच जाता है तो अपने आप सर्किट ब्रेक हो जाता है।

सर्किट ब्रेकर की लिमिट किसी स्टॉक की वोलैटिलिटी के आधार पर निर्धारित की जाती है यह 2% से लेकर 20% तक हो सकती है। यहाँ यह जानने वाली बात है की अलग – अलग स्टॉक पर अलग – अलग सर्किट लिमिट हो सकती है जो स्टॉक एक्सचेंज उसकी वोलैटिलिटी के आधार पर निर्धारित करता है। किसी स्टॉक में 20% तो किसी में 10% या 5% भी हो सकती है।  
 

Circuit Break कैसे होता है  – How does circuit break happen?

 यदि कोई स्टॉक अचानक गिरना शुरू हो जाये और अपनी एक दिन की ट्रेडिंग रेंज को ब्रेक कर दे तो उसमें आटोमेटिक Lower Circuit Hit हो जाता है। ठीक वैसे ही अगर कोई स्टॉक अचानक बढ़ना शुरू हो जाता है और बढ़ते – बढ़ते इतना बढ़ जाता है की अपनी एक ट्रेडिंग डे की रेंज को ब्रेक कर देता है तो उसमें अपर सर्किट ब्रेक हो जाता है।
 

सर्किट लगने के नियमcircuit rule in hindi 

 10% Circuit Breaker Rule: यदि किसी ट्रेडिंग डे में 1 बजे से पहले किसी शेयर या इंडेक्स में 10% की गिरावट या बढ़ोतरी हो जाती है तो 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक दी जाती है। इस दौरान कोई भी निवेशक खरीदी या बिक्री नहीं कर सकता है। उसके बाद 15 मिनट के Pre Opening Session के बाद कारोबार फिर से शुरू कर दिया जाता है।

अगर 10% का सर्किट 1 बजे के बाद लगता है तो शेयर्स की खरीदी – बिक्री 30 मिनट के लिए रुक जाती है और 2:30 बजे के बाद 10% का सर्किट लगने पर ट्रेडिंग रूकती नहीं है बल्कि मार्किट बंद होने तक लगातार चलती रहती है।

15% Circuit Breaker Rule: यदि 15% का सर्किट 1 बजे के पहले लगता है तो ट्रेडिंग 2 घंटे के लिए रोक दी जाती है। और अगर 15% सर्किट 1 बजे के बाद लगता है तो 1 घंटे के लिए ट्रेडिंग रोकने के बाद जब मार्किट स्थिर हो जाता है तब ट्रेडिंग फिर से शुरू कर दी जाती है। यदि 2:30 के बाद 15% का सर्किट लगता है तो ट्रेडिंग स्थगित नहीं होती है और व्यापार चलता रहता है।

20% Circuit Breaker Rule: अगर किसी दिन शेयर मार्किट में 20% की गिरावट या बढ़ोतरी हो जाये तो उस दिन के लिए मार्किट को बंद कर दिया जाता है और उस दिन मार्किट में ट्रेडिंग नहीं होती है। व्यापार अगले दिन शुरू होता है।  

 

क्या सर्किट फ़िल्टर सभी स्टॉक में लागु होता हैDoes circuit filter apply to all stock in hindi 

जवाब है नहीं ! सर्किट ब्रेकर डेरीवेटिव सेगमेंट में Future And Option में ट्रेड होने वाले स्टॉक में लागु नहीं होते है। ये स्टॉक एक दिन में चाहे जितना बढ़ या घट सकते है। इनमें सर्किट नहीं लगता है और न ही ट्रेडिंग रोकी जाती है।  
 

किसी स्टॉक पर Circuit Breaker की रेंज नियमित रूप से बदलती रहती है। स्टॉक एक्सचेंज सभी स्टॉक की वोलैटिलिटी पर नज़र रखता है यदि किसी स्टॉक की वोलैटिलिटी बढ़ या घट जाती है तो उसकी सर्किट ब्रेक की लिमिट उसके अनुसार कर दी जाती है यदि पहले 20% थी तो उसे घटाकर 10% कर दिया जाता है। या पहले 10% थी तो बढाकर 20% कर दिया जाता है।

इन्हें भी पढ़े:

सर्किट ब्रेकर के बारे में ज्यादा जानने के लिए NSE कीवेबसाइट पर जा सकते है। 
 
 

           निष्कर्ष –  सर्किट ब्रेकर क्या है (Circuit Breaker In Hindi)

उम्मीद है आपको यह पोस्ट सर्किट ब्रेकर क्या है – Circuit Breaker In hindi समझ आयी होगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और अभी भी आपका कोई सवाल है Circuit Breaker Meaning In Hindi से रिलेटेड तो कमेंट में पूछ सकते है।
 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs ) – 

Q.1 सर्किट ब्रेकर का मतलब क्या होता है?

Ans. शेयर बाजार में न्यूज़ का बहुत ज्यादा असर होता है कई बार कोई अच्छी या बुरी न्यूज़ आने पर कोई शेयर अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ जाता है या गिर जाता है।जिससे निवेशकों को अचानक बहुत ज्यादा लाभ या नुकसान हो जाता है और इसी उतार – चढ़ाव से निवेशकों की पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सर्किट ब्रेकर लगाये जाते है।

Q.2 सर्किट ब्रेकर कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. सर्किट ब्रेकर दो प्रकार के होते हैं
1.  अपर सर्किट
2. लोअर सर्किट

Q.3 क्या है लोअर सर्किट?

Ans. ट्रेडिंग के अंदर जब भी ग्राफ नीचे जाता है अर्थात उससे नुकसान होने लगता है तो ट्रेडर के द्वारा एक निश्चित बिंदु पर ट्रेडिंग रोकने के लिए सर्किट का यूज़ करते हैं ऐसे सर्किट  को लोअर  सर्किट कहते हैं


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