Debt Fund क्या है ,Type of Debt Mutual Funds in hindi,Debt Fund कितने प्रकार के होते है – म्यूच्यूअल फण्ड के बहुत सारे category मे से एक category डेब्ट फण्ड है। equity fund की तरह ये भी एक पोपुलर तरीका है investment के लिए। डेब्ट फण्ड की स्कीम low रिस्क होता है। डेब्ट फण्ड भी कोई प्रकार के होते है।
मे आपको step by step गाइड करूंगा Debt Fund की concept को समझने मे, आप बस अपने मन को fresh करके पुरा ध्यान इस Debt Fund क्या है – Type of Debt Mutual Funds in hindi आर्टिकल पर छोड़ दो। सबसे पहले आप इस लिस्ट को देख लो जिससे आपको पता चल जाये मे कोन कोन पॉइंट को आपके साथ शेयर करने वाला हु।

Debt Fund क्या है – Debt Fund kya hai
डेब्ट का अर्थ होता है लोन। जैसे किसीको अपना घर बनाना है तो वो बैंक से लोन लेता है। बदले मे बैंक को interest देना पड़ता है। ठीक उसी तरह कोई भी इन्वेस्टर जब डेब्ट फण्ड मे निवेश करता है तो उनको भी इंटरेस्ट मिलता है।
equity fund मे आप सीधा कंपनी के शेयर खरीदते हो, परंतु डेब्ट फण्ड मे आप गवर्नमेंट, बिज़नेस, एंड फाइनेंसियल इंस्टीटूशन को लोन देते हो।
आप बात आती है गवर्नमेंट को क्यों लोन चाहिए? कभी कभी गवर्नमेंट को भी पैसा का घटा हो जाता है, तब गवर्नमेंट ट्रेज़री बिल्स, बॉन्ड इशू कर लोन लेते है। treasury बिल्स एक साल से कम अब्दी के लिए इशू करता है और बांड लॉन्ग टाइम के लिए।
> बांड में निवेश कैसे करें
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बिज़नेस को लोन चाहिए expenses purpose के लिए। commercial paper एक साल कम अब्दी के लिए। corporate bonds लम्बे अब्दी के लिए जारी करते है। financial institutions अपना बिज़नेस ग्रो करने के लिए लोन लेता है। इसके लिए वो certificate of deposit एंड perpetual bond जारी करते है।
Debt Fund कितने प्रकार के होते है
डेब्ट फण्ड कोई प्रकार के होते है। पहले आपको decide करना होगा आपका निवेश अब्दी कितने समय तक है। मे आपको टाइम के अनुसार कोनसा डेब्ट फण्ड आपके लिए suitable है वो बता रहे है।
liquid fund:- आपका इन्वेस्टमेंट goal 1 – 90 दिन के लिए है तो आप लिक्विड फण्ड मे निवेश कोर सकते हो। क्युकी लिक्विड फण्ड का इंटरेस्ट बैंक खाते से ज्यादा होता है। म्यूच्यूअल फण्ड का सबसे सेफ इन्वेस्टमेंट लिक्विड फण्ड ही है। आप जब चाहे अपने पैसे को withdraw कोर सकते हो. इसका maturity पीरियड 91 days मे हो जाता है।
ultra short term funds :- आपका निवेश अब्दी 3 – 6 महीने के लिए है तो आप इस फण्ड मे जा सकते हो। return की बात कोरे तो पिछले 6 महीने मे सालाना बेसिस पे 6.5-7.5% return दिया है। ये फण्ड treasury bills and commercial paper पे इन्वेस्ट करता है। treasury bills गवर्नमेंट इशू करते है। commercial paper corporate इशू करते है।
overnight fund :- नाम से ही पता चलता है ये एक overnight फण्ड है। ये फण्ड ऐसी सिक्योरिटी मे निवेश करता है जिसका maturity एक दिन के लिए है। ये एक ओपन एंडेड स्कीम है।
low duration fund :- इस फण्ड का इन्वेस्टमेंट strategy है डेब्ट एंड मनी मारकेट मे। ये एक ओपन एंडेड स्कीम है। जिसका टाइम horizon 6 to 12 मंथ है वो इस फण्ड मे निवेश कोर सकते है।
medium duration fund :- इस फण्ड का इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट डेब्ट एंड मनी मारकेट मे है। ये एक ओपन एंडेड medium टर्म डेब्ट स्कीम है। तीन से चार साल के लिए इन मे निवेश कोर सकते है।
medium to long duration fund :- इसका भी इन्वेस्टमेंट डेब्ट एंड मनी मारकेट मे होता है। ये एक ओपन एंडेड medium टर्म स्कीम है। चार से सात साल के लिए इसमे निवेश कोर सकते हो।
long duration fund:- आपका टाइम horizon अगर लम्बे समय के लिए है तो आप इस फण्ड मे निवेश कोर सकते हो। ये फण्ड सात साल से ज्यादा टाइम के लिए अच्छा रहेगा।
corporate bond fund :- कॉरपोरेट बॉन्ड फंड एक ओपन-एंडेड डेट स्कीम है, इसमे टोटल एसेट का 80% high रेटेड कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश करती है। ये म्यूचुअल फंड उच्च रिटर्न प्रदान करते है और उच्च-श्रेणी के साधनों में निवेश करके जोखिम को कम करते है।
credit risk fund :- इसमे भी टोटल एसेट का 65% इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेट बांड मे होता है। ये एक ओपन एंडेड डेब्ट स्कीम है। ये फण्ड अधिक क्रेडिट जोखिम लेके और कम-रेटेड दस्तावेजों में निवेश करके उच्च रिटर्न का उत्पादन करते हैं।
gilt fund :- इस केटेगरी मे टोटल एसेट का 80% गवर्नमेंट के अलग अलग सिक्योरिटी मे निवेश होता है। गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद निवेशकों को किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, क्युकी गवर्नमेंट खुद इसका जिम्मेदारी लेते है। पर इसमे return का रिस्क होता है।
floater fund :- इस केटेगरी मे टोटल एसेट का 65% हिस्सा floating रेट इंस्ट्रूमेंट मे निवेश होता है।
banking and psu fund :- ये एक ओपन एंडेड डेब्ट स्कीम है। इसका भी टोटल एसेट का 80% हिस्सा बैंक, पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग, फाइनेंसियल इंस्टीटूशन मे इन्वेस्ट होता है।
dynamic fund :- इस फण्ड को मेने end मे इस लिए रखा क्युकी इसमे रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है। ये फण्ड उनके लिए है जो हाई return के साथ हाई रिस्क भी लेना चाहते है, फण्ड मैनेजर बदलती इंटरेस्ट के अनुसार पोर्टफोलियो change करते रहते है। फण्ड मैनेजर के एक गलती से निवेसकों का पैसा lose मे जा सकते है।
Debt Fund की रिस्क क्या है
आमतर पर इन्वेस्टर को लगता है, डेब्ट फण्ड रिस्क फ्री होता है परन्तु डेब्ट फण्ड मे भी credit risk तथा interest risk बने रहते है।
credit risk:- aaa/aa रेटिंग highly सिक्योरिटी के लिए जाना जाता है। फण्ड मैनेजर aaa/aa रेटिंग वाला फण्ड मे इन्वेस्ट कोरे तो इसमे आपको इंटरेस्ट मिलेगा साथ मे maturity होने के बाद आपका पुरा कैपिटल भी मिल जायेगा। पर इसमे इंटरेस्ट लौ होता है।
but bb/b/ccc रेटिंग हाई रिस्क होता है, इस तरह की फण्ड मे डिफ़ॉल्ट होने की चान्सेस काफी ज्यादा होता है। फण्ड मैनेजर ज्यादा इंटरेस्ट कमाने के लिए लौ रेटिंग वाला इंस्ट्रूमेंट मे इन्वेस्ट करते है। में आपको एहि सलहा दुंगा आप इसतरहा लौ रेटिंग फण्ड मे पैसा ना लगाए तो बेहतर होगा नहीं तो आपका कैपिटल भी नेगेटिव हो सकते है।
interest rate risk:- डेब्ट फण्ड मे इंटरेस्ट रिस्क बने रहते है, वेसे तो गवर्नमेंट बांड मे आपको fully सिक्योरिटी मिलती है। क्युकी इसमे मार्किट मे ट्रेडिंग नहीं होता है। लेकिन हाई प्रॉफिट के लिए फण्ड मैनेजर कॉर्पोरेट बांड मे पैसा लगा देते है। जो की मार्किट मे ट्रेडिंग होता है।
आपको जानना जरुरी है बांड और इंटरेस्ट रेट का एक रिलेशन है, अगर रेट ऑफ़ इंटरेस्ट बढ़ता है तो बांड का प्राइस गिरता है, बांड का प्राइस बढ़ता है तो रेट ऑफ़ इंटरेस्ट घट जाता है। आप चाहते हो मुझे एक फिक्स्ड इंटरेस्ट मिले जिसमे कोई रिस्क ना हो तो आप rbi government bonds मे इन्वेस्ट कोर सकते हो इसमे आपको थोड़ा लौ इंटरेस्ट मिलेगा पर आपका कैपिटल सेफ रहेगा।
Debt Fund के फयदे क्या है
जिन निवेसकों को इक्विटी फण्ड मे निवेश करने मे डर लगता है, पर fd से बेहतर return चाहिए एंड साथ मे टैक्स का बेनिफिट भी मिले उसके लिए डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड बढ़िया साबित हो सकते है।
आप इस इम्पोरटेंट पॉइंट को जरूर नोट कोरले, इन्वेस्ट करने से पहले आप खुद रिसर्च कोरे नहीं तो आप एक अच्छा फाइनेंसियल एडवाइजर की मदत लेके निवेश करे।
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