शेयर मार्केट में Earning Per Share क्या है ? – EPS meaning In Hindi , ईपीएस क्या होता है – EPS Meaning In Hindi: किसी भी कंपनी के पास लाखों से लेकर करोड़ो शेयर होते है और कंपनी अपने एक शेयर के ऊपर कितना लाभ कमाती है इसे EPS कहते है।
EPS Full Form होता है Earning Per Share हिंदी में इसका अर्थ होता है प्रति शेयर आय।
EPS किसी कंपनी का व्यापार कैसा चल रहा है यह जांनने में मदद करता है। जब कोई कंपनी व्यापार करती है तो उससे लाभ कमाती है और वह लाभ कंपनी के एक शेयर पर कितना है यह पता करने के लिये EPS (Earning Per Share) देखा जाता है।
Earning Per Share क्या है? – EPS In Hindi
Table of Contents
शेयर मार्केट में Earning Per Share क्या है ? – EPS meaning In Hindi
किसी भी कंपनी के पास लाखों से लेकर करोड़ो शेयर होते है और कंपनी अपने एक शेयर के ऊपर कितना लाभ कमाती है इसे EPS कहते है।
EPS Full Form होता है Earning Per Share हिंदी में इसका अर्थ होता है प्रति शेयर आय।
EPS किसी कंपनी का व्यापार कैसा चल रहा है यह जांनने में मदद करता है। जब कोई कंपनी व्यापार करती है तो उससे लाभ कमाती है और वह लाभ कंपनी के एक शेयर पर कितना है यह पता करने के लिये EPS (Earning Per Share) देखा जाता है।
EPS को कैसे Calculate किया जाता है – How is EPS calculated?
किसी भी कंपनी का ईपीएस कैलकुलेट करने के लिए आपको उस कंपनी के दो चीज़ो के बारे में पता होना जरूरी है एक उस कंपनी का शुद्ध लाभ कितना है और दूसरा कंपनी के कुल शेयर कितने है।
Earning Per Share का सूत्र – Earning Per Share Formula
EPS Formula = Total Net Profit / Total Number of Share
जब कंपनी के तिमाही या सालाना शुद्ध लाभ में से कंपनी के कुल शेयर्स को भाग दे दिया जाता है तो कंपनी का EPS (Earning Per Share) निकल कर आता है।
मान लीजिये एक कंपनी है जिसके मार्किट में कुल 1 लाख शेयर है और उस कंपनी ने साल के अंत में 50 लाख रुपये कमाये तो उस कंपनी का EPS होगा – (5000000 / 100000)= 50 Rupees
इसका यह अर्थ हुआ की कंपनी अपने एक शेयर पर 50 रुपये का लाभ कमाती है।
ईपीएस का उपयोग किसी एक ही इंडस्ट्री की दो कंपनियों की तुलना करने के लिये किया जाता है। इसमें किसी एक कंपनी के EPS को दूसरी विरोधी कंपनियों के EPS से मिलाकर देखा जाता है अगर EPS दूसरी विरोधी कंपनियों से ज्यादा है तो कंपनी अच्छा व्यापार कर रही है और अगर EPS विरोधी कंपनी के EPS से कम आता है तो कंपनी का व्यापार विरोधी की तुलना में अच्छा नहीं है।(ईपीएस क्या होता है – EPS In Hindi)
EPS से किसी भी कंपनी के व्यापार और उसके आर्थिक हालात का आंकलन किया जाता है। स्टॉक मार्किट में किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उस कंपनी का EPS जरूर देखना चाहिए और उसके विरोधी कंपनी के EPS से तुलना जरूर करनी चाहिये। किसी कंपनी का शेयर महंगा दाम पर मिल रहा है या सस्ते दाम पर यह उसके EPS (Earning Per Share) और PE Ratio से पता चल जाता है।(Earning Per Share क्या है? – EPS In Hindi)
उम्मीद है आपको शेयर मार्केट में Earning Per Share क्या है – EPS meaning In Hindi समझ आया होगा। अगर आपका कोई सवाल है तो कमेंट में पूछ सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs ) –
Q.1 पीई और पीबी अनुपात क्या है?
Ans. किसी भी कंपनी का पीई अनुपात शेयर की कीमत तथा EPS ( Earning Per Share ) का अनुपात होता है जबकि पीबी अनुपात मार्केट Value तथा Face Value का अनुपात होता है
Q.2 निफ्टी के लिए कौन सा पीई अनुपात अच्छा है?
Ans. निफ़्टी 50 के लिए औसत पीई अनुपात 20 अच्छा होता है अगर पीई अनुपात 25 हो जाता है तो यह शेयर महंगा पड़ता है
Q.3 बैंक कम PE पर ट्रेड क्यों करते हैं?
Ans. बैंक कम PE अनुपात पर ट्रेड करते हैं क्योंकि बैंक ज्यादा जोखिम नहीं लेते उनके पास अमाउंट ज्यादा होता है
Q.4 क्या आपको निफ्टी 50 में निवेश करना चाहिए?
Ans. हां,आपको nifty 50 में निवेश करना चाहिए क्योंकि इस निफ्टी में शीर्ष 50 कंपनी की लिस्ट होती है जो मार्केट में अच्छा परफॉर्म कर रही होती है इसलिए आपको लॉन्ग टर्म के लिए लिफ्ट इसी में निवेश करना चाहिए यह एक अच्छा रिटर्न आपको दे सकता है