इन्वेस्टिंग की शब्दावली – Investing Terminology In Hindi – 50 Words , Share Market Investing Dictionary In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज में आपको Share Market Investing में उपयोग होने वाले 50 Important Words के बारे में बताऊंगा अगर आप Stock Market Investment करते है या करना चाहते है तो Investment की Basic Knowledge होना जरूरी है इन 50 Words को समझिये और अपनी Knowledge को Improve करिये।
इससे पहले भी मैंने 2 पोस्ट शेयर किया था जिसमे मैंने Share Market Terminology से जुड़े हुए 50 Words और ट्रेडिंग से जुड़े हुए Important 50 Words के बारे में बताया था अगर आपने अब तक उन Post को नहीं पढ़ा तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते है।
निवेश की शब्दावली – Investing Terminology In Hindi
Table of Contents
इन्वेस्टिंग की शब्दावली हिंदी में – Investing Terminology in Hindi
1. Investing:
जब किसी शेयर को 1 साल से लम्बे समय तक रखकर बेच दिया जाता है उसे Investingकहते है Investing में Undervalued Stocks को ढूंढकर उनमें Invest किया जाता है
Investing के लिए शेयर ढूंढ़ने की प्रक्रिया के दौरान जो एनालिसिस किया जाता है उसेFundamental Analysis कहते है।
3. Cash Flow Statement:
यह स्टेटमेंट कंपनी के Cash Inflows और Outflows के बारे में बताता है आसान भाषा में कंपनी के पास कितना Cash है और कंपनी के पास पैसा कहां से आ रहा है और कंपनी अपना पैसा कहां खर्च कर रही है यह Cash Flow Statement से पता चलता है।
बैलेंस शीट में कंपनी के सभी प्रकार के Asset (सम्पति) और Liabilities (दाईत्व) का ब्यौरा होता है।
5. Profit And Loss Statement:
P&L Statement से कंपनी की वितीय हालत के बारे में जाना जाता है की कंपनी Profit में है या Loss में अगर कंपनी तो प्रॉफिट हो रहा है तो वो प्रॉफिट कहाँ से Generate हो रहा है और अगर लॉस हो रहा है तो किन कारणों की वजह से लॉस हो रहा है
6. Asset:
वो हर वस्तु जो कंपनी को किसी न किसी तरह से फायदा पहुंचाती है वो कंपनी के लिए Asset है जैसे: Land, Machinery, Stocks, Goodwill, Furniture etc.
7. Business Day:
सोमवार से शुक्रवार जिस दिन शेयर मार्किट में ट्रेडिंग होती है उसे Business Day कहते है छुट्टियों को Business Day में शामिल नहीं किया जाता है।
8. Brokerage Firm:
Brokerage Firm एक Buyer और Seller को प्लॅटफॉर्म प्रोवाइड करती है जिससे की वो शेयर्स को Buy Sell कर सके।
9. Dividend:
जब भी किसी कंपनी को अतिरिक्त लाभ होता है तो वह कंपनी उस लाभ के एक हिस्से को शेयर धारको में बांट देती है जिसे Dividend (लाभांश) कहते है।
10. Face Value:
जब कम्पनी सबसे पहली बार अपनी कुल पूंजी को Total Number of Share में Divide करती है तो जो सबसे पहली वैल्यू निकल कर आती है उसे Face Value कहते है फेस वैल्यू हमेशा Fix होती है
11. Delivery:
जब किसी शेयर को 1 दिन से ज्यादा होल्ड करते है तो उसे डिलीवरी लेना कहते है Delivery लिए हुए शेयर को जितना चाहे उतना दिन होल्ड कर सकते है।
12. Listed Stock:
वो सभी कंपनिया जिनके शेयर Stock Exchangeपर लिस्टेड होते है उन्हें Listed Stock कहते है।
13. Dividend Yield:
डिविडेंड यील्ड एक तरह का अनुपात होता है जिससे यह पता चलता है की कंपनी अपने अतिरिक्त लाभ का कितने प्रतिशत लाभ शेयर धारको में बांट रही है इसको किसी दूसरी कंपनी के साथ तुलना करने पर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है की कौनसी कंपनी अच्छा Dividend दे रही है।
14. Holdings:
कोई भी Asset जिसे खरीद कर Hold किया जाये उसे Holdings कहते है आसान भाषा में किसी पोर्टफोलियो के Stock, Mutual Fund, Bonds जिसे इन्वेस्टर के दवारा खरीद कर रखा गया है उसे उस इन्वेस्टर की Holdings कहते है।
15. Collateral:
गिरवी रखी गयी वस्तु को Collateral कहते है।
16. Liquidity:
जब स्टॉक मार्किट में पर्याप्त संख्या में Buyers और Sellers उपस्थित हो किसी शेयर को खरीदने के लिए उसे Liquidity कहते है। किसी भी शेयर की प्राइस को बढ़ाने या घटाने में Liquidity का अहम रोल होता है अगर खरीदने वाले ज्यादा है तो Price बढ़ेगी और अगर बेचने वाले ज्यादा है तो Price गिरेगी।
17. Averaging :
पोर्टफोलिओ में शामिल कोई शेयर जब गिरने लगे तो हर गिरावट पर उस शेयर को Buy करके Average करना Averaging कहलाता है।
18. ETF (Exchange Traded Fund):
ETF एक तरह का Fund होता है जो Stock Exchange पर किसी Share की तरह ही ट्रेड होता है जिसमें इन्वेस्टर अपना पैसा डालते है ETF अपना पैसा किसी Specific Asset Class में निवेश करता है।
19. Sector:
Sector किसी एक विशेष क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को कहते है जो एक जैसा प्रोडक्ट, सर्विसेज या मुख्य प्रोडक्ट में काम आने वाले प्रोडक्ट बनाती हो जैसे: Agriculture से जुड़े हुए प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी को Agriculture Sector कंपनी कहा जाता है।
सभी कंपनिया वर्ष के अंत में एक रिपोर्ट जारी करती है अपने शेयर धारको के लिए जिसमें कंपनी ने पुरे वर्ष में क्या किया और भविष्य की क्या योजनाए है उनके बारे में विस्तृत रूप से वर्णन करती है।
21. Auditor:
ऑडिटर वह व्यक्ति या फर्म होती है जो किसी भी कंपनी के Financial Statement की सत्यता को प्रमाणित करता है
22. Capital:
व्यापार को शुरू करने के लिए जो पूंजी लगायी जाती है उसे Capital कहते है।
23. Diversification:
वह पैसे जो शेयर बाजार में निवेश करने है उसे अपनी Risk लेने की क्षमता के अनुसार अलग-अलग Stocks, Sector, Mutual fund etc. में निवेश करना Diversification कहलाता है Diversification से जोखिम कम होता है
24. Alfa:
तुलना किये जाने वाले इंडेक्स से जो अतिरिक्त Return मिलता है उसे Alfa कहते है उदाहरण: मान लीजिये Nifty ने 1 साल में 10% Return कमा के दिया लेकिन अगर आपका पोर्टफोलियो 12% का Return कमा लेता है तो इस अतिरिक्त 2% को Alfa कहते है।
25. Beta:
बीटा मार्किट के किसी एक Index या Share की तुलना में किसी दूसरे Index या Share की Responsiveness बताता है
26. Debt:
स्टॉक मार्किट में कोई भी कंपनी अपने बिज़नेस को और ज्यादा आगे बढ़ाने के लिए जो लोन लेती है उसे Debt कहते है।
27. Promoter:
किसी कंपनी के वह शीर्ष पद्धाधीकारी जिन्होंने कंपनी के अंदर पैसा लगाया है जो कंपनी को चलाने से सम्बंधित सभी निर्णय लेते है उन्हें Promoter कहते है।
बुक वैल्यू किसी शेयर की वह मिनिमम वैल्यू होती जो किसी शेयर को बेचने पर आराम से मिल सकती है मान लीजिये की अगर कोई शेयर 100 रुपये पर ट्रेड कर रहा है और उसकी बुक वैल्यू 70 रुपये है तो उस शेयर को 70 रुपये पर किसी भी दिन बेच सकते है आम तौर पर किसी भी शेयर की कीमत उसके बुक वैल्यू से ज्यादा में ही खरीदी या बेचीं जाती है।
29. Operating Profit:
कच्चा माल और माल को बनाकर बेचने तक के सभी खर्चे निकलने पर जो प्रॉफिट बचता है उसे Operating Profit कहते है।
30. Profit Before Tax:
जो Operating Profit निकल के आया उसमें से Interest, Depreciation निकालने के बाद जो प्रॉफिट बचता है उसे Profit Before Tax कहते है।
31. Net Profit:
Profit Before Tax में से Tax निकाल देने पर जो प्रॉफिट निकल कर आता है उसे Net Profit कहते है।
32. Net Sales:
एक कंपनी ने पुरे वित्तीय वर्ष में जीतनी भी Sales करी है उसमें से Sales Return (जो माल वापस आ गया हो), डिस्काउंट और किसी भी तरह का Allowance जो दिया गया हो उसे घटा देने पर जो Sales निकल कर आती है उसे Net Sales कहते है।
33. CAGR:
कोई कंपनी अपनी शुरुआत से लेकर अब तक किस Rate से Grow हुई है उसे बताने के लिए CAGR Term का उपयोग किया जाता है उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी पिछले 7 सालों में 150% बढ़ी हो तो हम यह कहेंगे की यह कंपनी हर वर्ष औसतन 13.939% की दर से बढ़ी है इसे ही CAGR (Compound Annual Growth Rate) कहते है।
34. Equity:
इक्विटी का मूल अर्थ किसी कंपनी में हिस्सेदारी या मालिकाना हक़ होता है
35. Share Capital:
कंपनी ने मार्किट से पैसा उठाने के लिए जीतने भी शेयर जारी किये है उन सभी शेयर्स को शेयर की प्राइस से गुना करने पर जो पूंजी निकल कर आती है उसे Share Capital कहते है।
36. Reserve And Surplus:
जब भी किसी कंपनी को प्रॉफिट होता है तो उस प्रॉफिट का एक हिस्सा कंपनी निकालकर एक अलग अकाउंट में जमा कर देती है और भविष्य में जब भी कंपनी को उस पैसे की जरुरत हो उसे निकाल कंपनी के उपयोग के लिए काम में ले लेती है इस पैसे को Reserve And Surplus कहा जाता है।
37. Liabilities:
वह सभी कार्य जिसके लिए कंपनी को वर्तमान में या भविष्य में खर्चा करना होता है उन सभी खर्चो को कंपनी की Liability(दायित्व) माना जाता है।
38. Creditor:
वो सभी लोग जिनको किसी न किसी कार्य के बदले कंपनी से पैसे लेने है वो सभी लोग कंपनी के लिए लेनदार है।
39. Debtor:
वो सभी लोग जिनको किसी न किसी कार्य या सेवा के बदले कंपनी को पैसे देने है वो सभी लोग कंपनी के लिए देनदार है।
40. Short Term Investing:
जब 1 साल से कम समय के लिए स्टॉक मार्किट में Investment किया जाता है तो इसे Short Term Investment कहते है।
41. Long Term Investing:
जब 1 साल से ज्यादा समय के लिए स्टॉक मार्किट में Investment किया जाता है तो इसे Long Term Investment कहते है।
42. NCLT:
NCLT का अर्थ होता है National Company Law Tribunal जब किसी कंपनी का कंपनी के साथ या कंपनी का शेयर धारक के साथ कोई विवाद हो जाये तो ऐसे विवादों का निपटारा NCLT करती है
43. Share Holder:
अगर किसी इन्वेस्टर ने किसी कंपनी का एक भी शेयर खरीद रखा हो तो वह उस कंपनी का Share Holder (शेयर धारक) होता है इन्हे भी पढ़े:शेयर क्या है
44. Public Float (Free Float):
किसी कंपनी के कुल शेयर्स का वो हिस्सा जो कंपनी के प्रमोटर के पास नहीं होता है बल्कि आम पब्लिक शेयर होल्डर के पास होता है ऐसे शेयर्स को Public Float या Free Float कहते है।
45. Depreciation:
वे सभी Asset जिनकी कीमत एक निश्चित समय के बाद कीमत घटती चली जाती है ऐसे घाटे को Depreciation कहते है।
46. Goodwill:
कम्पनी की ब्रांड वैल्यू को ही Goodwill कहते है भारत में TATA की ब्रांड वैल्यू सबसे अच्छी है।
47. Undervalued (discount rate stock):
ऐसे Stocks जो वर्तमान में कम Price में मिल रहे हो और भविष्य में एक अच्छा लाभ देने की क्षमता रखते हो ऐसे Stocks को Undervalued Stocks कहते है।
48. Overvalued (premium rate stock):
ऐसे Stocks जो वर्तमान में जिस Price में ट्रेड हो रहे हो वह कंपनी की आर्थिक स्थति के हिसाब से सही न हो ऐसे Stocks को Overvalued Stocks कहते है।
49. T+2 Days:
भारतीय शेयर बाजार में ख़रीदे हुये शेयर की डिलीवरी मिलने में तीन दिन लग जाते है जिसमें T का अर्थ है Trading Day और बाकि 2 दिन Extra लग जाते है
50. Convertible Securities:
ये ऐसी Securities होती है जिनको एक निश्चित समय के बाद Bonds to Stock या Stocks to Bond में कन्वर्ट किया जा सकता है।
उम्मीद करता हूं आपको मेरी ये Post इन्वेस्टिंग की शब्दावली हिन्दी – Investing Terminology In Hindi – 50 Words पसंद आयी होगी अगर अभी भी आपका कोई सवाल है Share Market Related Words – Investing Glossary से जुड़ा हुआ तो आप कमेंट करके पूछ सकते है।