NCLT क्या है ? – NCLT की फुल फॉर्म क्या है?  | एनसीएलटी के कार्य और अधिकार क्षेत्र 

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NCLT क्या है , NCLT की फुल फॉर्म क्या है?  – आज इसी विषय पर हम चर्चा करने वाले हैं। इसका गठन क्यों किया गया आज हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं। तथा यह आम आदमी की किस प्रकार सहायता करता है? 

आपको इस विषय मे कुछ जानकारी तो होगी और यदि आप इस विषय मे पूर्ण जानकारी चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आए हैं। 

आज हम इस के बारे मे पूरे विस्तार से चर्चा करने वाले है। यहाँ इस वेबसाइट पर आपको यथासंभव जानकारी मिल जाएगी। और हमें पूर्ण उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपके मन की सारी जिज्ञासाएँ शांत होने वाली है।

NCLT क्या है ? - NCLT की फुल फॉर्म क्या है? 
NCLT क्या है ? – NCLT की फुल फॉर्म क्या है?

NCLT क्या है ? – What is NCLT

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल अर्थात्  (NCLT) सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कंपनियों के संबंध में कानूनों के अंतर्गत इसे संभालने के लिए स्थापित किया गया है। NCLT एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण के प्रकार के रूप  में कार्य करता है जो कि संरचनाओं,तथा  कानूनों को संभालने का कार्य करता है तथा कॉर्पोरेट मामलों से संबंधित विवादों का निपटारा करने का कार्य करता है।एससीएलसी का निर्माण भारत के संविधान में अनुच्छेद संख्या 245 के तहत किया हुआ है।

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण यानि (NCLAT) का गठन कंपनी अधिनियम संख्या 2013 की धारा नंबर- 410 के तहत किया गया था। ये 1 जून 2016 से राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण यानि NCLT के आदेशों के खिलाफ की गयी अपील की सुनवाई हेतु बनाया गया ट्रिब्यूनल होता है।सर्वप्रथम किसी कंपनी के दिवालिया हो जाने पर मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल अर्थात् NCLT के पास चला जाता है।

यहाँ इसके हेतु इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल नियुक्त किया गया होता है, जिसे ये जिम्मेदारी दी जाती है कि वह 180 दिनों के अन्दर अंदर उस कंपनी को रिवाइव करने का प्रयास किया जाए। यदि वो कंपनी 180 दिनों के अन्दर रिवाइव कर दी जाती है, तो यह दोबारा से सामान्य कामकाज करने में लग जाती है| अगर ऐसा नहीं होता है तो उसे दिवालिया मानकर आगे की कार्रवाई की जाने लगती हैं। 

NCLT की फुल फॉर्म क्या है? 

NCLT को हिंदी भाषा में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण कहा जाता है, तथा इसे इंग्लिश भाषा में National Company Law Tribunal अर्थात् (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) कहा जाता है।

NCLT को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत निर्मित किया गया है। जो वर्तमान समय में कंपनी अधिनियम 1956 का स्थान ले चुकी है।

 

एनसीएलटी के कार्य और अधिकार क्षेत्र  (Functions And Jurisdiction Of NCLT) :-

NCLT के कार्य और अधिकार क्षेत्र कुछ इस प्रकार है :-

1.वर्ग कार्यवाही :-

भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत किसी भी प्रकार की  कंपनी जो निवेशकों के द्वारा धन की चोरी करतीं है, NCLT के द्वारा उसे जुर्माना तथा दंडित किया जा सकता है। निवेशकों तथा शेयरधारकों को धोखा देकर जो कंपनिया पैसा बनाती हैं उन कंपनियों से पीड़ितों को उनके नुकसान की भरपाई की उम्मीद दिलाई जाती है।

क्लास एक्शन सूट निजी तथा सार्वजनिक दोनों कंपनियों के खिलाफ काम करता है परंतु यह बैंकिंग संस्थानों के विरुद्ध दायर नहीं किया जा सकता है। 

 2.शेयर ट्रांस्फर विवाद :-

अगर कोई भी कंपनी शेयरों को हस्तांतरित करने से मना कर देती है अथवा हस्तांतरण का पंजीकरण नहीं करती है, तो पीड़ित व्यक्ति अर्थात् जो व्यक्ति इस कदाचार के कारण इसके शिकार बन जाते हैं, वे NCLT से दो महीने के अंतर्गत समय-समय पर न्याय मांगने में समर्थ होते हैं।

सुरक्षा हस्तांतरण हेतु अनुबंध तथा व्यवस्था धारा 58 तथा 59 के तहत एनसीएलटी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

 

  3.उत्पीड़न मामले में:-

धारा सख्या 397 के अंदर किसी भी व्यक्ति को केवल और केवल  दुर्व्यवहार तथा कुप्रबंधन के मामलों के बारे में शिकायत दर्ज करने की स्वतंत्रता दी गई होती हैं, लेकिन ट्रिब्यूनल, एक प्रकार से लोगों को सभी तरह के दुरुपयोग के लिए न्याय प्राप्त करने का अधिकार देता है, चाहे वह भूतकाल मे हो या प्रेजेंट समय में हो।

यदि किसी कंपनी का कामकाज पक्षपातपूर्ण होता है तथा इसका उद्देश्य दूसरे आदमियों के प्रति दमनकारी होते हुए कुछ मुख्य पार्टियों को लाभ पहुंचाना होता है, तो उसे ट्रिब्यूनल से संपर्क करने तथा मदद मांगने का तथा कंपनी के मामलों को देखने की मांग करने का अधिकार है जिससे की यह सुनिश्चित हो सके कि शामिल सभी पक्षों को न्याय मिल रहा है। 

 

 4.जाँच पड़ताल :-

ट्रिब्यूनल किसी कंपनी के कामकाज की जांच के लिए कह सकता है। यदि किसी भी प्रकार का कोई आवेदन उस विशेष कंपनी के खिलाफ कम से कम 100 व्यक्तियों द्वारा मान्य किया गया हो। NCLT के बाहर कोई भी व्यक्ति और समूह यदि इसके द्वारा अधिकृत होता है तो वह कुछ ही परिस्थितियों में जांचकर्ताओं के रूप में काम करने के लायक होता है।

यह ट्रिब्यूनल कंपनी की परि-संपत्तियों को फ्रीज करने की क्षमता रखता है तथा यदि जरूरत पड़े तो उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा सकता है।

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निष्कर्ष :-

आप इस आर्टिकल में हमें जानना है कि NCLT क्या होता है? यह एक आम आदमी की किस प्रकार से सहायता कर सकता है? इसकी फुल फॉर्म क्या है। इसके कार्य तथा अधिकारों के बारे में आज हमने चर्चा की। मुझे पुराण उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके मन की सारी आशंकाएं दूर हो गई होगी।

 यदि आपको इसके बारे मे और भी अधिक जानकारी चाहिए तो आप हमें कॉमेंट के माध्यम से बता सकते हैं। इस अर्टिकल मे किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूँ।तथा इस से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें फॉलो करना ना भूले। 

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs )

Q.1 NCLT की फुल फॉर्म क्या है? 

ANS. NCLT की फुल फॉर्म होती हैं :- राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण। 

Q.2 NCLT के कार्य और अधिकार क्षेत्र कितने हैं? 

Ans.  NCLT के कार्य और अधिकार क्षेत्र 4 हैं:-
वर्ग कार्यवाही मैं
शेयर ट्रांसफर विवाद मैं
उत्पीड़न मामले में
जांच पड़ताल में

Q.3 भारत में NCLT बेंच कितने है? 

Ans. जयपुर, कटक, कोच्चि, इंदौर तथा अमरावती में, पांच नई NCLT बेंचों का गठन किया जा चुका है, जिससे NCLT बेंचों की कुल संख्या अब 16 हो चुकी हैं । 

Q.4 NCLT का मुख्य कार्य क्या है? 

Ans. NCLT एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण है जो किसी कंपनी अधिनियम के तहत उत्पन्न होने वाले नागरिक प्रकृति के कॉर्पोरेट विवादों से निपटने हेतु शामिल है।

Q.5 NCLT का गठन कब हुआ? 

Ans. 1 जून 2016 को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने NCLT का गठन किया। 


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