NAV (Net Asset Value) क्या है , NAV Meaning in Hindi – mutual fund की बात KARE तो NAV का concept को समझना बहुति जरुरी है। क्युकी जो लोग म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश करते है, वो लोग दुविधा मे रहते है NAV (Net Asset Value) को लेके।
तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिये NAV क्या है, NAV कैसे कैलकुलेट किया जाता है एंड क्या हमें low NAV वाला स्कीम लेना चाहिए ? इन सारे सवालो का जबाब देने की कोसिस करेंगे।
देखिये NAV को समझने से पहले UNIT को समझना जरुरी है तो पहले हम यूनिट को समझ लेते है, जैसे की share market मे अलग-अलग कंपनी के शेयर होते हैं, ठीक वेसे ही म्यूच्यूअल फंड मैं यूनिट होते हैं म्यूच्यूअल फण्ड को उस यूनिट के अनुसार BUY और SELL किया जाता है।
जैसे हम शेयर मार्केट में कहते हैं कि मेरे पास इस कंपनी के 100 शेयर है, उसी प्रकार म्यूच्यूअल फंड के रिलेटेड हम कह सकते हैं मेरे पास इस म्यूच्यूअल फंड की इतने यूनिट है।
म्यूच्यूअल फंड स्कीम काफी बड़ी होती है ये स्कीम कोई करोड़ों में हो सकती है इतनी बड़ी अमाउंट एक छोटी इन्वेस्टर को खरीदना पॉसिबल नहीं होता है इसलिए म्यूच्यूअल फंड स्कीम को छोटी-छोटी हिस्सों में बांटा जाता है
मान लीजिए एक म्यूच्यूअल फंड स्कीम की टोटल अमाउंट है 10000 करोड़ और इसको अगर 1000 करोड़ हिस्सों में बांट दें तो हार हिस्सों की कीमत ₹10 हो जाएगी इस एक हिस्से को ही एक यूनिट कहते हैं मतलब यहां पर ₹10 का एक यूनिट है यानी यूनिट हर म्यूच्यूअल फंड का एक छोटा सा हिस्सा है।

NAV (Net Asset Value) क्या है – NAV Meaning in Hindi
देखिए जब आप अपने पैसे को निवेश करते हैं किसी कंपनी के स्टॉक या शेयर में तो उस कंपनी से आपको उस पैसे के बदले में कुछ शेयर मिलते हैं और आप उस कंपनी के शेयर होल्डर बन जाते हैं। ठीक इसी तरह से जब आप अपनी पैसे को निवेश करते हैं किसी म्यूच्यूअल फंड में तो उस म्यूच्यूअल फण्ड से आपके पैसे के बदले में कुछ यूनिट्स मिलते हैं और आप उस फंड के यूनिट होल्डर बन जाते हैं।
देखिए कंपनी के शेयर के केस में आपको कितने पैसे इन्वेस्ट करके कितने शेयर मिलेंगे यह डिपेंड करता है कि उस कंपनी के 1 शेयर की प्राइस कितनी है पर म्यूच्यूअल फंड के केस में आपको कितने पैसे इन्वेस्ट करके कितने यूनिट एलोकेट होंगे यह कैसे पता चलेगा?
देखिए बहुत ही सिंपल है यह पता चलता है NAV के माध्यम से, यानी Net Asset Value से। NAV किसी भी म्यूच्यूअल फंड की एक यूनिट की प्राइस होती है,जिस तरह से हमारे पहले उदाहरण से एक शेयर की प्राइस के बेसिस पे आपको आपके पैसे के बदले में शेयर एलोकेट किए जा रहे थे ठीक उसी तरह म्यूचुअल फंड में NAV के प्राइस के बेसिस पे आपको अपने इन्वेस्टमेंट के बदले में यूनिट्स एलोकेट किए जाते हैं।
एक उदहारण के जरिए समझते हैं, मान लीजिए अपने कुल 1000 रूपीस इन्वेस्ट किए है और NAV का प्राइस था ₹10 तो आपको कूल नंबर ऑफ यूनिट मिलेंगे 1000/10=100 यानी कि 1000 निवेश करके आपको उस फण्ड में कूल 100 यूनिट एलोकेट हुआ है। तो आपको NAV क्या है यह पता चल गया है
NAV को कैसे कैलकुलेट किया जाता है – How NAV is calculated
देखिये NAV को कैलकुलेट करने के लिए एक बहुति सरल तरीको को उपयोग मे लिए जाते है जोकि है
किसी भी फण्ड की ऐसेट होते हैं उस फंड के पास मौजूद स्टॉक्स, बांड्स, सिक्योरिटी, डिपॉजिट etc और किसी भी फण्ड की लायबिलिटी हो सकती है उस फंड का money payable interest payable etc
NAV = Assets – Liabilities ( Expenses )\ Total Number of Units
किसी भी फण्ड के अलग-अलग expenses होते हैं जैसे कि फण्ड मैनेजमेंट एक्सपेंसेस, ऑफिस एक्सपेंसेस, ब्रांडिंग एक्सपेंसेस etc किसी भी फंड के total number of units होते है कूल यूनिट जो कि उस फंड में एलोकेट की है अपने इन्वेस्टर को।
तो चलिए इसको एक उदहारण से समझते हैं, मान लीजिए किसी ABC फण्ड के पास कूल एसेट है 50 करोड़ और लायबिलिटीज है 27000 और टोटल एक्सपेंसेस 400 और total number of units है 2 करोड़ तो उस फण्ड की NAV हो जायेगा 500000000-27400/20000000 = Rs.24.99
क्या हमें low NAV वाला स्कीम लेना चाहिए ? – Should we go for a scheme with low NAV?
हमें अक्सर ऐसा लगता है कि low NAV बाले स्कीम सस्ते होते हैं, पर ऐसा नहीं है तो चलिए इसे भी हम एक उदाहरण से समझते हैं,
मान लीजिए दो म्युचुअल फंड स्कीम है स्कीम X और स्कीम Y स्कीम X की NAV ₹10 है और स्कीम Y की NAV ₹100 है और अपने साल के शुरुआत में दोनों ही स्कीम में 10000 करके इन्वेस्ट किए हैं
NAV के हिसाब से स्कीम X में आपको 1000 यूनिट्स मिलेंगे और स्कीम Y में आपको 100 यूनिट्स मिलेंगे। 1 साल बाद दोनों म्युचुअल फंड स्कीम में अच्छा परफॉर्म करने के बाद दोनों स्कीम की NAV 20% बढ़ जाता है।
NAV बढ़ने के कारण स्कीम X के 1000 यूनिट्स की वैल्यू (1000*12) = ₹12000 हो जाता है और स्कीम Y की 100 यूनिट की वैल्यू भी (100*120) = ₹12000 हो जाता है।
तो आपको समझ आ गया होगा NAV के कम या ज्यादा होने से उसके म्युचुअल फंड स्कीम के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता है NAV के ग्रोथ के ऊपर ही सब डिपेंड होता है
NAV म्युचुअल फंड स्कीम का परफॉर्मेंस दिखाती है मतलब अगर किसी म्यूच्यूअल फंड स्कीम की NAV अभी 28 रूपया है और 1 साल पहले उस फण्ड की NAV ₹20 थी तो उस म्यूच्यूअल फंड स्कीम ने 40% का ग्रोथ दिखाया है मतलब कोई म्यूच्यूअल फंड स्कीम अच्छा परफॉर्म कर रही है या नहीं यह उसकी NAV वैल्यू को देख कर हम समझ सकते हैं।
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निष्कर्ष –NAV (Net Asset Value) क्या है
आशा करते है आपको NAV (Net Asset Value) क्या है – NAV Meaning in Hindi समझ आया होगा। ऐसे इन्वेस्टमेंट और शेयर मार्किट रिलेटेड आर्टिकल पड़ने के लिए हमारे ब्लॉग को visit करते रहिये।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs ) –
Q.1 निवेश पर अच्छा रिटर्न क्या है
Ans. अगर हम निवेश करते हैं तो हमें सालाना 7% से अधिक रिटर्न अच्छा होता है म्यूच्यूअल फंड, शेयर मार्केट, से हम सालाना 10 से 12% का रिटर्न ले लेते हैं परंतु यह रिस्की होता है
Q.2 क्या म्यूचुअल फंड पर टैक्स लगता है?
Ans. म्यूच्यूअल फंड दो प्रकार के होते हैं कैपिटल गेन (Capital Gain ) और डिविडेंट (Devident ) कैपिटल गैन म्युचुअल फंड पर टैक्स लगता है जबकि डिविडेंड म्युचुअल फंड पर भी टैक्स लगता है जिसे डिविडेंट टिस्ट्रीव्यूशन टैक्स (DDT ) भी कहते हैं,इस टैक्स को फंड हाउस द्वारा चुकाया जाता है
Q.3 एसआईपी में निवेश करने से क्या फायदा है?
Ans. एसआईपी (SIP ) में निवेश करने से हमें अच्छा रिटर्न मिलता है 10 -12% का ,यह कम रिस्की होते हैं
Q.4 म्यूचुअल फंड में पैसा कब लगाएं?
Ans. जब आपको लगे कि आप अपना पैसा लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं और आपका एक सुरक्षित इनकम सोर्स हो, तब जाकर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगा सकते हैं