ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है ,Trading Indicator In Hindi – दोस्तों हम जानते हैं कि ट्रेडिंग में सफल होने के लिए हमें ट्रेडिंग से रिलेटेड अन्य टूल का उपयोग करना होता है जैसे सर्किट ,टेक्निकल एनालिसिस, चार्ट व ट्रेडिंग इंडिकेटर | हम इस आर्टिकल में ट्रेडिंग इंडिकेटर से रिलेटेड पढ़ने वाले हैं जिस प्रकार गाड़ी को चलाने के लिए इंडिकेटर का यूज करते हैं उसी प्रकार ट्रेडिंग करने के लिए हमें ट्रेडिंग इंडिकेटर का यूज करना पड़ता है |
ट्रेडिंग इंडिकेटर से हम ट्रेडिंग को सरल व मुनाफे वाला बना सकते हैं ट्रेडिंग इंडिकेटर को जानने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा

ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है – Trading Indicator In Hindi
Trading Indicator Explained In Hindi: शेयर की Price ऊपर जा सकती है या नीचे यह कन्फर्म करने के लिए Indicators का उपयोग किया जाता है इंडिकेटर एक तरह का प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर होता है जो किसी Share की Price या Volume के Past को देखकर यह एनालिसिस करता है की Future में शेयर का ट्रेंड क्या होगा।
इंडिकेटर Technical Analysis का सबसे महत्वपूर्ण भाग है Technical Indicator का उपयोग Chart Pattern और Candlestick Pattern के साथ किया जाता है इन तीनो की उपयोग से स्टॉक किस दिशा में जा सकता है उसका अंदाजा लगाया जाता है
मार्किट में हज़ारों Indicators है एक Trader को अपनी जोखिम लेने की क्षमता, अनुभव और कम्फर्ट लेवल के अनुसार इंडीकेटर्स का चुनाव करना चाहिए।
इंडिकेटर Technical Analysis का सबसे महत्वपूर्ण भाग है Technical Indicator का उपयोग Chart Pattern और Candlestick Pattern के साथ किया जाता है इन तीनो की उपयोग से स्टॉक किस दिशा में जा सकता है उसका अंदाजा लगाया जाता है
मार्किट में हज़ारों Indicators है एक Trader को अपनी जोखिम लेने की क्षमता, अनुभव और कम्फर्ट लेवल के अनुसार इंडीकेटर्स का चुनाव करना चाहिए।
ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार – (Trading Type Of Indicators)
इंडिकेटर के दो प्रकार के होते है
- Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
- Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)
1. Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
Leading का अर्थ होता है नेतृत्व करना, लीडिंग इंडिकेटर किसी स्टॉक का Price Prediction करते है स्टॉक के प्राइस में आने वाली तेज़ी या मंदी का पता लगाकर उसका पहले ही सिग्नल दे देते है
Leading Indicator को Oscillators (ओसिलेटर) भी कहते है क्योंकि Leading Indicators 0 से 100 की एक रेंज के बीच में झूलते रहते है
Leading Indicator को Oscillators (ओसिलेटर) भी कहते है क्योंकि Leading Indicators 0 से 100 की एक रेंज के बीच में झूलते रहते है
मार्किट में आगे क्या हो सकता है Share Price आगे किस दिशा में जा सकती है यह बताने का काम Leading Indicator का होता है
Top 2 Leading Indicator:
RSI:
Stochastic:
2. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)
लैगिंग का अर्थ होता है देरी से, Delayed या पिछड़ जाना। लैगिंग इंडीकेटर्स हमेशा Share Price के पीछे-पीछे चलता है
Lagging Indicator देरी से सिग्नल देते है मार्किट में क्या हो चूका है यह बताने का काम लैगिंग इंडीकेटर्स का होता है
शेयर प्राइस जिस भी दिशा में जा रहा हो चाहे वह ऊपर की तरफ जा रहा हो या नीचे की तरफ उसकी दिशा को Confirm करने के लिए Lagging Indicators का उपयोग किया जाता है।
Lagging Indicator देरी से सिग्नल देते है मार्किट में क्या हो चूका है यह बताने का काम लैगिंग इंडीकेटर्स का होता है
शेयर प्राइस जिस भी दिशा में जा रहा हो चाहे वह ऊपर की तरफ जा रहा हो या नीचे की तरफ उसकी दिशा को Confirm करने के लिए Lagging Indicators का उपयोग किया जाता है।
Top 2 Lagging Indicator
Moving Average (SMA और EMA)
MACD:
इंडिकेटर के फायदे (Advantages of Technical Indicators)
इंडिकेटर की सहायता से किसी भी स्टॉक की कीमत ऊपर की तरफ जाने वाली है या नीचे की तरफ इसे समझने में मदद मिलती है इंडिकेटर से स्टॉक कहां खरीदना है और कहां बेचना है उन Levels को पता करने में मदद मिलती है
Stock चाहे Uptrend में हो, Downtrend में हो या Sideways Trend में इंडीकेटर्स का उपयोग करके स्टॉक के ट्रेंड का पता लगाया जा सकता है।
एक ट्रेडर को मार्किट में तेज़ी से बदलते हुए Trend में तेज़ी से Respond करना होता है इंडीकेटर्स ट्रेडर की Quick Decision Making में हेल्प करते है। इंडीकेटर्स स्टॉक मार्किट के Behaviour को समझने में मदद करता है की हमें Trade लेना चाहिए या नहीं।
इंडिकेटर की सीमाएं (Limitations of Technical Indicators)
इंडिकेटर सिर्फ Price Prediction करता है जरूरी नहीं की जो Signal इंडिकेटर ने दिया हो वो सही हो इंडिकेटर के सिग्नल गलत भी होते है।
कभी भी एक चार्ट में 3 से ज्यादा इंडिकेटर का उपयोग नहीं करना चाहिए बहुत सारे Indicators का उपयोग करने से सभी इंडीकेटर्स अलग-अलग सिंग्नल देने लगते है जिससे ख़रीदा-बेचना है या नहीं यह निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है
Indicators किसी भी स्टॉक में संभावित Entry और Exit Point देते है जरूरी नहीं है की मार्किट उन एंट्री और एग्जिट पॉइंट के हिसाब से चले Entry लेने के बाद Stock नीचे भी गिर सकता है और Exit लेने के बाद Stock बढ़ भी सकता है।
बहुत सारे इंडीकेटर्स एक दूसरे के विरोधाभासी होते है अगर एक इंडिकेटर Buy Signal देता है तो दूसरा Sell Signal देता है
समय है तो इन्हें भी पढ़िये:
> स्टॉक मार्किट ट्रेडिंग क्या होता है ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ?
> टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ? Technical Analysis In Hindi
> क्या स्टॉक मार्किट ट्रेडिंग लाभदायक है – Is Stock Trading Profitable?
> 10 Types Of Stock Trading In HIndi
निष्कर्ष – ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है – Trading Indicator In Hindi
उम्मीद करता हु आपको इंडिकेटर क्या है समझ आया होगा अगर आपका अभी भी कोई सवाल है ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है – What Is Trading Indicator In Stock Market In Hindi तो कमेंट करके पूछ सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs ) –
Q.1 इंडिकेटर का क्या काम होता है?
Ans. ट्रेडिंग इंडिकेटर का काम ट्रेडिंग से जुड़े फैसले देना होता है जैसे बेचना खरीदना और कीमतों की भविष्यवाणी करना इत्यादि मैं मदद करता है
Q.2 ट्रेडिंग में कितने प्रकार के इंडिकेटर होते हैं?
Ans. ट्रेडिंग में दो प्रकार के इंडिकेटर होते हैं
1.Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
2.Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)
इन दो इंडिकेटर के भी अपने-अपने टॉप इंडिकेटर होते हैं
Q.3 सुपरट्रेंड इंडिकेटर कैसे पढ़ें?
Ans. ATR और पिछले ATR को 13 से गुणा करें तथा इसमें नवीनतम ATR जोड़ें और इनमें लगे गए अवधि से विभाजित करें | इस प्रकार सुपरट्रैंड इंडिकेटर को पढ़ा जाता है