Trading क्या है ? – ट्रेडिंग के प्रकार | Trading Meaning in hindi  

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Trading क्या है ?,  Trading Meaning in hindi  – शेयर बाजार की सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसमें अपनी पर्सनैलिटी के अनुसार ऐसी trading शैली या निवेश सुन सकते हैं जो आपके लिए सबसे अधिक उपयुक्त हो। लेकिन trading कितने प्रकार के होते हैं और कौनसा trading  स्टाइल आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है उसके लिए हम आज इस लेख में चर्चा करेंगे।

एक तरफ होती है long-term डिलीवरी trading जो आपके वेल्थ बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होती है और दूसरी तरफ आता है शॉर्ट टर्म ट्रेंड जो जल्द मुनाफा कमाने के लिए उपयोगी होती है

प्रत्येक trading स्टाइल के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इसलिए इससे पहले कि आप किसी trading स्टाइल को चुने, आपको इन सभी trading स्टाइल के बारे में गहराई से पता होना चाहिए अपनी जीवन शैली और लक्ष्य के अनुरूप सही trading से जुड़ने के लिए खुद को शिक्षित करना ही महत्वपूर्ण है ।

आज हम इस लेख में जानेंगे कि trading कितने प्रकार के होते हैं लेकिन trading कितने प्रकार के होते हैं यह समझने से पहले हम यह समझ लेते हैं आखिर यह trading क्या होती है? तो चलिए शुरू करते हैं ।

Trading क्या है ? - Trading Meaning in hindi  
Trading क्या है ? – Trading Meaning in hindi

Trading क्या है ? – Trading Meaning in hindi  

Trading अनिवार्य रूप से खरीदार और बेचने वाले के बीच का आदान-प्रदान trading को आसानी से समझने के लिए हम पहले बाजार को समझते हैं बाजार में स्थान है जहां व्यापार का कोई भी आकार लेता है बाजार में बहुत प्रकार के उत्पादों की खरीद बिक्री की जाती है ठीक इसी प्रकार की स्टॉक की खरीद बिक्री होती है उसे शेयर बाजार कहा जाता है ।

शेयर मार्केट में आप दो तरह से पैसा लगाते हैं जिनमें एक है निवेश और दूसरा है trading सेम डे या शॉर्ट टर्म के लिए शेयर्स की खरीद बिक्री करने की प्रक्रिया को trading कहते हैं।

ट्रेडिंग के प्रकार –  Type of  Trading

भारत में विभिन्न प्रकार की trading होती है जिन्हें हम बारीकी से एक- एक समझेंगे। मुख्य रूप से शेयर trading पांच प्रकार की होती है।

  1. डिलीवरी trading
  2. इंट्राडे trading 
  3. स्क्लपिंग trading 
  4. स्विंग trading 
  5. पोजीशनल trading 
  6. BTST trading 
  7. STBT trading 

1.Delivery Trading in Hindi

शुरुआत करते हैं लॉन्ग टर्म trading के साथ यहां पर आपका फॉक्स वर्थ की ओर रहता है और आप उन स्टॉक में निवेश करना उचित समझेंते हैं जिसमें आप समय के साथ ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं

डिलीवरी trading करने के लिए आपको किसी भी कंपनी के फेड़ामेडल को समझना काफी जरूरी हो जाता है जिसमे आप कंपनी का इतिहास परफार्मेस प्रॉफिट लॉस की जानकारी के लिए वेल्स सीट और अलग-अलग रेस्यो PE ratio hindi, POR meaning in hindi आदि की जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य है

डिलीवरी trading के अंतर्गत आफ वैल्यू इन्वेस्टिंग या मोमेंटम इन्वेस्टिंग की दिशा में स्टोक्स का चयन कर निवेश करने की योजना बना सकते हैं यहां पर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए आप डिलीवरी trading नियमों का पालन जरूर करें ।

2.Intraday trading in Hindi

Trading के इस शैली में एक ही दिन में स्टाक को खरीदना और बेचना शामिल होता है। ईस्टराडे trading के मामले में ट्रेडर पर कुछ मिनटों या घंटों के स्टॉक को होल्ड रखते हैं इस तरह की trading में शामिल एक ट्रेडर को दिन के बाजार बंद होने से पहले अपनी पोजीशन  को बंद करना होता है

इंट्राडे trading की मामलों में तेजी से निर्णय लेने की क्षमता बाजार की अस्थिरता की पूरी और स्टॉक में उतार-चढ़ाव के बारे में गहरी समझ की आवश्यकता होती है इसलिए यह ज्यादातर अनुभवी ट्रेडर्स द्वारा की जाती है यदि आप स्टॉक मार्केट में नए है तो पूरी समझ और ज्ञान के बाद ही इंट्राडे शुरू करें।

उदाहरण-माना राहुल ने रिलायंस की 50 शेयर्स ₹20000 रुपए प्रति शेयर में इंट्राडे trading के लिए खरीदे हैं अब राहुल को उसी दिन 3:20 pm से पहले अपने रिलायंस के शेयर्स को बेचना होगा चाहे राहुल नुकसान में हो या फायदे में अगर राहुल ऐसा नहीं करता है तो उसका ब्रोकर पोजीशन को ऑटोमेटिक सेल कर दिया जाएगा

इसलिए इंट्राडे traders को एंट्री के साथ पोजीशन क्लोज भी सही समय में करना काफी जरूरी होता है तो जिस तरह से टेक्निकल एनालिसिस स्टॉक को खरीदना जरूरी है उसी प्रकार कब आपको एग्जिट करना उसके बाद में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस तरह इंट्राडे trading इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं

   3. स्केल्पिंग trading in Hindi

स्केप्लिन माइक्रो trading के रूप में जाना जाता है स्केल्पिन और ड्रे trading दोनों ही इंट्राडे  हैं सेकल्पिंग के मामले मे ट्रेडर अपनी पोजीशन को कुछ सेकंड से कुछ मिनटों के लिए स्टोर को होल्ड रखता है डे ट्रेडर की तरह सेकल्पिंग ट्रेडर को भी  दिन के बाजार बंद होने से पहले अपनी पोजीशन को बंद करना होता है

सेकल्पिंग trading के मामलों में डे trading से भी ज्यादा तेजी से निर्णय लेने की क्षमता बाजार की अच्छी समझ और स्टॉक प्राइस में उतार चढ़ाव की गहरी समझ लेना चाहिए इसलिए यह इसे भी ज्यादातर अनुभवी  ट्रेडर्स द्वारा किया जाता है 

उधारण माना राहुल को किसी स्टाफ में ब्रेकडाउन या कोई जरूरी लेवल बैंक होता देख रहा है और राहुल को लग रहा है कि वह स्टॉक बहुत तेजी से मोमेंटम करने वाला है इस स्थिति में जैसे प्राइस लेव को ब्रेक करता है राहुल अपनी पोजीशन बना लेता है और कुछ ही मिनटों में प्रॉफिट लेकर निकल जाता है

    4. स्विंग trading

स्टॉक मार्केट trading की इस शैली का उपयोग अल्पकालीन स्टॉक मोमेंट और को ट्रेंड करने लिए किया जाता है स्विंग trading के मामलों में ट्रेडर अपनी पोजीशन को आदर्श रूप से 1 से 7 दिन के लिए होल्ड पर रखता है 

सर्विंग ट्रेंनिंग trading तकनीक है जिसका उपयोग ट्रेनर्स स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए करते हैं जब ट्रेडर एनालिसिस भविष्य में एक अपर्टेड यह डाउनट्रेंड की ओर इशारा करते हैं तो ऐसी स्थिति में स्विंग ट्रेडर या उस स्टॉक में अपनी पोजीशन बनाते हैं

सेविंग trading में अवसरों का फायदा उठाने के लिए ट्रेनर्स को अल्पावधि मे लाभ कमाने की संभावना बढ़ाने के लिए शीघ्रता से कार्य करना चाहिए

    5. पोजीशनल trading

Trading के इस शैली में पोजीशनल ट्रेंडर अपनी पोजीशन को कुछ सप्ताह से लेकर महीनों तक होल्ड रखते हैं इस तरह की trading में शामिल एक ट्रेडर थोड़ी लंबी अवधि लेकिन 1 साल से कम अवधि के लिए trade प्लान करता है ।

पोजीशनल trading एक रणनीति है जिसमें लाभ के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एक लंबी अवधि के लिए ट्रेडिंग पोजीशन आयोजित किया जाता 

पोजीशन trading में एक ट्रेंड की आम तौर पर एक लंबी अवधि की सोच होती है और शार्ट टर्म के उतार-चढ़ाव के बावजूद पोजीशनल trading लंबे समय अपनी पोजीशन बनाए रखना पसंद करते हैं ट्रेडर्स आमतौर पर पोजीशनल trading करने के लिए 

 दीर्घकालीन  का उपयोग करते हैं

   6. आज खरीदे कल बेचे  trading – BTST trading

जैसा कि नाम से ही पता चलता है इस प्रकार की ट्रेड में आप आज किसी स्टोक को खरीदते हैं और कल उसको बेचते हैं इसका मतलब है कि टेंडर्स आज इस उम्मीद से शेयर खरीदते हैं कि अगले दिन स्टोक की कीमत बढ़ जाएगी 

फिर अगले दिन जब बाजार खुलता है तो वह बेचता है  और लाभ कमाता है इस प्रक्रिया को BTST का जाता है ऐसा करने  पर आपको share की डिलीवरी नहीं मिलती है क्योंकि भारत में शेयर मार्केट T+2 सेटलमेंट चक्कर पर काम करता है ।

डिलीवरी और BTST मैं अंतर है डिलीवरी में आपको अपने डिमैट खाते मैं स्टॉक की डिलीवरी मिलती है लेकिन क्या होगा अगर डिलीवरी मिलने से पहले कोई बड़ा अवसर मिल जाए 

फिर वह BTST की भूमि का सामने आती हैं बीटी एसडी ट्रेंनिंग दिल्ली में आप किसी भी शेयर को खरीद सकते हैं और उन्हें कल बिना डिलीवरी के भी दे सकते हैं बी टी एच डी का एक फायदा यह है कि इसमें आपको कोई डीपी शुल्क नहीं देना पड़ता है 

7. आज बेचे कल खरीदे  – STBT  Trading

यह trading शैली BTST ट्रेंडिंग के बिल्कुल विपरीत है या आप किसी स्टॉक को आज बेच सकते हैं और कल खरीद सकते हैं लेकिन याद रहे इक्वलिटी ट्रेंनिंग में इस प्रकार की trading की अनुमति नहीं है

हालांकि इसे आज डेरिवेटिव मार्केट में कर सकते हैं इस ट्रेंडिंग मे सेली में ट्रेडर पहले डेरिवेटिव मार्केट में शेयर को देखता है और यह अपनी शॉट सेलिंग पोजीशन को अगले दिन के लिए आगे ले जाता है और खरीद कर इसे पूरा कर लेता है ।

दूसरे शब्दों में यदि  ट्रेडर को लग रहा है कि एबीसी कंपनी में खराब न्यूज़ है या कुछ और जिसकी वजह से ट्रेडर को लग रहा है कि वह स्टॉक कल हो गेट डाउन लगने वाला है इस स्थिति में ट्रेडर स्टोर को आज ही सेल कर देता है और फिर कल जैसे ही वे स्टॉप गेम डाउन लगता है जैसे ही यह ट्रेंडर अपनी पोजीशन को खरीद लेता है जिससे कि उसे अच्छा मुनाफा होगा ।

इन्हें भी पढ़ें : 

             Conclusion : आज हमने क्या सीखा 

आज हम इस लेख में जाना कि trading कितने प्रकार के होते हैं लेकिन trading कितने प्रकार के होते हैं  आखिर यह trading क्या होती है? 

Trading अनिवार्य रूप से खरीदार और बेचने वाले के बीच का आदान-प्रदान trading को आसानी से समझने के लिए हम पहले बाजार को समझते हैं बाजार में स्थान है जहां व्यापार का कोई भी आकार लेता है बाजार में बहुत प्रकार के उत्पादों की खरीद बिक्री की जाती है ठीक इसी प्रकार की स्टॉक की खरीद बिक्री होती है उसे शेयर बाजार कहा जाता है ।

शेयर मार्केट में आप दो तरह से पैसा लगाते हैं जिनमें एक है निवेश और दूसरा है trading सेम डे या शॉर्ट टर्म के लिए शेयर्स की खरीद बिक्री करने की प्रक्रिया को trading कहते हैं।भारत में विभिन्न प्रकार की trading होती है जिन्हें हम बारीकी से एक- एक समझेंगे। मुख्य रूप से शेयर trading पांच प्रकार की होती है।

उम्मीद है कि आज की जानकारी पसंद आई होगी यदि पसंद आई हो तो सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें तथा कोई जिज्ञासा हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ( FAQs ) – 

Q.1 ट्रेडिंग का हिंदी में क्या मतलब होता है?

Ans. ट्रेडिंग का हिंदी में मतलब  व्यापार होता है अर्थात जब हम किसी वस्तु या शेयर को खरीद कर शॉर्ट टर्म में मुनाफा होने पर बेच देने   को ट्रेडिंग कहते हैं

Q.2 स्टॉक ट्रेडिंग क्या होती है ?

Ans.  जब हम किसी स्टॉक को खरीदते हैं जब उसका प्राइस ऊपर जाता है तो मुनाफे पर बेचना या घाटा होना  स्टॉक ट्रेडिंग कहलाती है

Q.3 नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीखें?

Ans.  नए  लोगों को ट्रेडिंग सीखने के लिए मिनिमम 6 महीने का समय लगता है उन्हें इस समय अंतराल में बहुत सारी बुक पढ़नी होगी और कई सारी वीडियो देखनी होगी तथा एक ट्रेडर्स से परामर्श भी करना होगा तब जाकर आप ट्रेडिंग सीख सकते हैं

Q.4 ट्रेडिंग में एक्सपर्ट कैसे बने?

Ans. ट्रेडिंग में एक्सपर्ट बनने के लिए आपको कम से कम तीन-चार साल ट्रेडिंग को देने होंगे आपको रोजाना ट्रेडिंग करनी होगी तथा मार्केट एनालिसिस करना होगा तब जाकर शायद आप एक एक्सपर्ट बन जाओगे


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